Be social
#shayar #love_shayri #dil_ki_baate #social_experiment
Saturday, May 9, 2020
#Shayri 7
कुछ इस तरह खुद को हम समझाते रहे,
मीठा पान समझ नीम के पत्ते चबाते रहे।
#Shayri 6
इश्क किया था तुझसे तभी तो गलती अपनी बताई है।
हां मैंने ही तो झूठ बोला था इश्क में,
तूने तो बेवफाई बड़ी ईमानदारी से निभाई है।
#Shayri 5
उन्होंने मुझे आजमाया बहुत है।
जा जाकर कॉलेज मैंने उसे मनाया बहुत है।
सच पूछो तो बहुत खूब लगता है चेहरा उनका आज भी,
जिन्होंने मुझे रुलाया बहुत है।
#Shayri 4
तू अपनी वफा की मुझे सफाई ना दे,
ऐ खुदा वो मेरे पास से भी गुजरे,
मुझे दिखाई ना दे।
#Shayri 3
यहां सब लोग कहते हैं।
मेरी आंखों में आंसू हैं।।
जो तू समझे तो मोती है।
जो ना समझे तो पानी है।।
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